यादों के झरोखे से लेखनी कहानी मेरी डायरी-14-Nov-2022 भाग 11
1 अप्रैल २०२२
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होली के बाद मै कुछ दिन तक फतेहाबाद रुका ।क्यौकि औरतें जहाँ होली की पूजा करती है वहीं परबासौडा़ पूजने के बाद ही वहाँ से जाया जाता है अतः बासौडा़ पूजकर वहाँ से गुरूग्राम आगये।
गुरुग्राम में जिस सुसाइटी में रहते हैं वहाँ कोईन कोई प्रोग्राम चलते रहते है ।वहाँ पर हम सीनियर सिटीजन का एक बहुत बडा़ ग्रुप है।उस ग्रुप मे कभी किसी का जन्मदिन आगया अथवा कभी किसी की शादी की सालिग्रह आगयी । इसलिए समय का पताही नहीं चलता कब बीत गया
एक अप्रैल को वृन्दावन मथुरा जाने का प्रोग्राम बनगया। मदोनों पति पत्नी व बेटी व दामाद एवं उनके बच्चौ के साथ हम सुबह पांच बजे वृन्दावन के लिए रवाना होगये।
वृन्दावन पहुँचकर हमने सबसे पहले कृष्ण जन्भूमि में दर्शन किये वहाँ सभी झांकियां देखी । ़वहाँ बहुत देर तक सभी ने दर्शन किये उसके बाद हमें एक गाइड मिल गया। वह हमें पुराने गोकुल को लेजाने लगा ।वहाँ पर गोकुल के रास्ते मे ही वह हमें रमण रेती लेकर गया। वहाँ की अद्भुत छटा देखकर दिल खुश होगया।
रमण रेती के रेत में सभीने लोटकर आनन्द लिया। वहा भी मन्दिर में बलदाऊ के दर्शन किये। वहा मन्दिर से प्रसिद लिया। और वहाँ बहुत समय तक रमण रेती में घूंमते रहे।
वहा़ रमण रेती मेध रेतपर लोटने का आनन्द ही अलग है। वहिँ का रेत कपडौ़ से चिपकता नहीं है यह एक विशेषता है वहाँ के रेत की।
हमें गाइड ने वहाँ के इतिहास को भी समझाया। उहने बताया कि भगवान कृष्ण यहाँ आकर खेलते थे गाइड ने और भी बहुत सी बितें बताई जिनको सुनकर आनन्द आया।
इसतरह हम सभी वहाँ से आगे की यात्रा की ओर बढ़ने लगी। अब हमें पुराने गोकुल की ओर लेजाने लगा।
आगे का वर्णन अगले अंक में क्रमशः
यादों के झरोखे से २०२२
नरेश शर्मा " पचौरी "
Radhika
09-Mar-2023 12:57 PM
Nice
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shweta soni
03-Mar-2023 10:17 PM
👌👌💐
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अदिति झा
03-Mar-2023 02:35 PM
Nice 👍🏼
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